लेखनी कहानी -12-Jan-2023
प्याज वाली आंटी (आ बैल मुझे मार)
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क्या मम्मी कैसी बातें करती हो?पुराने ज़माने में ये सब होता था।अरे मेरी बात मान ये बहुत हो रहा है।
एक औरत मुंह ढक कर आती है।और प्याज मांगती है। इस घटना से सब लोग बहुत डरे हुए हैं। ये दोपहर के समय ही आती है। आजकल दोपहर के समय कोई भी बच्चों को बाहर नहीं निकालता।
जिसने प्याज दे दिया तो उस घर के लोगों को मार देती।
ये क्या मम्मी इतने दिनों बाद हम तीनों भाई-भाभी और बच्चे एक साथ बैठेंगे और आप ड़रा रहे हो।
अच्छा चलो घर आ गया।
सब लोग कार से उतर गए। सभी घरों के दरवाज़े पर सबने हल्दी वाले हाथ के छापे लगाए हुए थे।
सब लोग सीढियाँ चलने लगे।
ये क्या आपने दरवाज़े पर हल्दी वाले हाथ बना रखे। बिट्टू चुप कर जा। सबने लगाए हुए तूने देखा नहीं?
इससे क्या होगा? बेटा कहते ह, जहाँ निशान होते उधर वो नहीं आती।
हाहाहा हाहा हाहा
अरे ये क्या कर रहा है? हल्दी वाले छापे पर हाथ पर हाथ क्यूँ रख रहा है??ये गलत है बिट्टू कहते है ऐसे में उसकी आत्मा आ जाती है तू तो वो वाली कहावत सिद्ध कर रहा कि" आ बैल मुझे मार"
देख लो मम्मी आपकी चुड़ैल किधर है??
चल हट अंदर चल •••••••••••
क्या मम्मी हाहाहा हाहा
मैंने हाथ रख दिया।अब आत्मा आने वाली है।
हाहाहा हाहा हाहा
आशा जी के आज तीनों बेटे-बहू और बच्चे बातों में लग गए।तीनों बहुऐ किचन में स्नैक्स बनाने लगी।
चलो सब लोग डायनिंग टेबल पर आ जाओ। सब रेडी है।सब लोग मिल कर खाने लगे।हँसी मजाक का दौर चल रहा था सब मजे से खा रहे।
मम्मी चाय और बनवा दो।
आज तो मज़ा आ गए। बच्चो ने भी खूब शोरशराबा मचाया हुआ था।
तभी बिट्टू बोला मम्मी प्याज दे दो।
बिट्टू प्याज वाले पकौड़े खत्म,आलू वाले ले लो।
नहीं मम्मी मुझे प्याज चलिए?
मम्मी भैया प्याज वाली चुड़ैल तो नहीं बन गए।
सब हँसते हँसते लोट-पोट हो रहे थे।
लेकिन अगले हो पल सब डर गए। बिट्टू की आँखे लाल हो गई पैर उल्टे हो गए सब घबरा गए।
मम्मी प्याज दे दो।मम्मी प्याज दे दो ।
स्वीटी जा बच्चों को दूसरे कमरें में ले जा।
बिट्टू तू मज़ाक़ कर रहा है ना
थोड़ी देर में बिट्टू ने भाभी की चुन्नी खींच ली।
ओर मुँह ढक के बोलने लगा। प्याज दो। प्याज दो।
बिट्टू जोर जोर से नाचने लगा।
तभी आशा जी ने मंदिर से गंगाजल ला कर उसके ऊपर छिडकना शुरू कर दिया। और सब को बोला कि सब गायत्री मंत्र बोलो जोर -जोर से।
सब एक साथ गायत्री मंत्र बोलने लगे 10 से 15 मिनट में ही बिट्टू शांत हो गया और बेहोश हो गया।
मम्मी लगातार गंगाजल छिड़कती रहीं।
अब किसी की हिम्मत नहीं हो रही थी कि बिट्टू के पास कौन जाए???
अखिरकार आशा जी 10 मिनट बाद बिट्टू के पास गयी।
वो पसीने से लथपथ था।
फिर आशा जी उसका पसीना पोछा।
सब लोगों ने मिल कर बिट्टू को बिस्तर पर सुला दिया।
सब चारो ओर बैठ गए 1 घंटे बाद बिट्टू को होश आया।वह अब सही था।
सबने भगवान को धन्यवाद कहा।
अरेरे मम्मी मैं कब सोया? मुझे याद नहीं?
फिर किसी ने भी कुछ नहीं बोला।धीरे-धीरे सब अपने अपने कमरें में सो गए।
आशा जी बिट्टू के साथ ही सो गई।
इस घटना को 12 साल हो गये लेकिन आज भी सोचते है तो समझ नहीं आता कि वह क्या था??
कुछ बातें समझ से परे होती हैं।
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समाप्त
Babita patel
20-Jan-2023 03:21 PM
nice one
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Gunjan Kamal
18-Jan-2023 08:25 AM
शानदार लिखा
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Mohammed urooj khan
18-Jan-2023 01:15 AM
बहुत खूबसूरत, हमारे बचपन में भी इसी तरह की एक अफवाह थी, नहीं जानते वो हकीकत थी या सिर्फ अफवाह
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Ekta Singh
18-Jan-2023 05:13 PM
Hanji सही कहा aapne
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